Thursday, June 18, 2015

शायरी

 सुहाना मौसम ओर हवा मे नमी होगी आशुंओ की बहती नदी होगी मिलना तो हम तब भी चाहेगे आपसे जब आपके पास वक्त और हमारे पास सासों कि कमी होगी

 महफील भी रोयेगी, हर दिल भी रोयेगा , ङुबी जो मेरी कस्ती तो साहील भी रोयेगा , हम इतना प्यार बीखेर देगे इस दुनीया मे के, मेरी मौत पे मेरा कातील भी रोयेगा…

आँखों से बरसात होती हैं जब आपकी याद साथ होती है, जब भी busy रहे मेरा cell तो समझ लेना आपकी होने वाली भाभी से मेरी बात होती हैं

इश्क़ ने हमे बेनाम कर दिया, हर खुशी से हमे अंजान कर दिया, हमने तो कभी नही चाहा की हमे भी मोहब्बत हो, लेकिन आप की एक नज़र ने हमे नीलाम कर दिया…

वो दिन दिन नही..वो रात रात नही.. वो पल पल नही जिस पल आपकी बात नही.. आपकी यादो से मौत हमे अलग कर सके. मौत की भी इतनी भी औकात नही

ये लडकियों के बाल है लडको को फ़साने के जाल चूस लेती है खून जिस्म का सारा इसी लिए होते है इनके होठ लाल

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