मोहब्बत करली तुमसे बहुत सोचने के बाद, अब किसीको देखना नहीं तुम्हे देखने के बाद, दुनिया छोड़ देंगे तुम्हे पाने के बाद, खुदा माफ़ करे इतना जूठ बोलने के बाद.
वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्या लेगी… मिलेगी नज़रो से नज़रे तो अपनी नज़रे ज़ुका लेगी… उसे मेरी कबर पर दीया मत जलाने देना… वो नादान है यारो… अपना हाथ जला लेगी.
दोस्त को दोस्त का इशारा याद रहेता हे हर दोस्त को अपना दोस्ताना याद रहेता हे कुछ पल सच्चे दोस्त के साथ तो गुजारो वो अफ़साना मौत तक याद रहेता हे.
वफ़ा का दरिया कभी रुकता नही, इश्क़ में प्रेमी कभी झुकता नही, खामोश हैं हम किसी के खुशी के लिए, ना सोचो के हमारा दिल दुःखता नहीं!
मोहबत को जो निभाते हैं उनको मेरा सलाम है, और जो बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं उनको, हुमारा ये पेघाम हैं, “वादा-ए-वफ़ा करो तो फिर खुद को फ़ना करो, वरना खुदा के लिए किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो”
दोस्ती से कीमती कोई जागीर नही होती; दोस्ती से खूबसूर्त कोई तस्वीर नही होती; दोस्ती यूँ तो कचा धागा है मगर; इस धागे से मजबूत कोई ज़ंजीर नही होती!
वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्या लेगी… मिलेगी नज़रो से नज़रे तो अपनी नज़रे ज़ुका लेगी… उसे मेरी कबर पर दीया मत जलाने देना… वो नादान है यारो… अपना हाथ जला लेगी.
दोस्त को दोस्त का इशारा याद रहेता हे हर दोस्त को अपना दोस्ताना याद रहेता हे कुछ पल सच्चे दोस्त के साथ तो गुजारो वो अफ़साना मौत तक याद रहेता हे.
वफ़ा का दरिया कभी रुकता नही, इश्क़ में प्रेमी कभी झुकता नही, खामोश हैं हम किसी के खुशी के लिए, ना सोचो के हमारा दिल दुःखता नहीं!
मोहबत को जो निभाते हैं उनको मेरा सलाम है, और जो बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं उनको, हुमारा ये पेघाम हैं, “वादा-ए-वफ़ा करो तो फिर खुद को फ़ना करो, वरना खुदा के लिए किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो”
दोस्ती से कीमती कोई जागीर नही होती; दोस्ती से खूबसूर्त कोई तस्वीर नही होती; दोस्ती यूँ तो कचा धागा है मगर; इस धागे से मजबूत कोई ज़ंजीर नही होती!
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