Sunday, June 14, 2015

शायरी

किसी  शायर  ने  क्या  खूब  कहा  है-
'रिमझिम  तो  है..
मगर  सावन  गायब  है..!
बच्चे  तो  हैं..
मगर  बचपन  गायब  है..!!
क्या  हो  गयी  है
तासीर  ज़माने  की
अपने  तो  हैं..
मगर  अपनापन  गायब  है..!!!

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